उदेश्य
स्काउट / गाइड आन्दोलन का उदेश्य है अध्यात्मिक विकास कर उन्हें उत्तरदायी नागरिक बनाना ताकि वे स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की लिये उपयोगी सिद्ध हो सके |
सिध्दांत
1. ईश्वर के प्रति कर्तव्य
2. दूसरो के प्रति कर्तव्य
3. स्वयं के प्रति कर्तव्य
लक्ष्य
आदर्श नागरिक बनाना |
स्काउट प्रतिज्ञा
स्काउट गाइड प्रतिज्ञा एक है उसके तीन भाग है |
मै मर्यादापूर्वक प्रतिज्ञा करता हू कि मै यथाशक्ति-
ईश्वर और अपने देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करूंगा |
दूसरो की सहायता करूंगा
स्काउट नियम का पालन करूंगा |
स्काउट नियम
स्काउट / गाइड नियम एक है उसके नौ भाग है |
1.स्काउट विश्वासनिय होता है |
2.स्काउट वफादार होता है |
3.स्काउट सबका मित्र एवं प्रत्येक दूसरे स्काउट का भाई होता है |
4.स्काउट विनम्र होता है |
5.स्काउट पशु- पक्षियों का मित्र और प्रकृति प्रेमी होता है
6.स्काउट अनुशासनशील होता है और सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करने मे सहायता करता है
7.स्काउट साहसी होता है |
8.स्काउट मितव्ययी होता है
9.स्काउट मन वचन और कर्म से शुद्ध होता है
स्काउट- गाइड चिन्ह
स्काउट- गाइड चिन्ह- स्काउट गाइड चिन्ह दाहिने हाथ की छोटी अंगुली को अंगूठे से दबाते हुये तथा बीच की तीनो अंगुलियो को पूरा खोल कर आपस मे मिलाते हुये और हथेली को सामने की ओर करके हाथ को कोहनी से मोड़कर बगल से सटाते हुये, कन्धे की ऊचाई तक लाकर बनाया जाता है बीच की तीनो अंगुलियाँ प्रतिज्ञा के तीनो भाग की याद दिलाती है | छोटी अंगुली को अंगूठे से दबाने का अभिप्राय
अच्छाई से बुराई को दबाना है |
इस चिन्ह का प्रयोग किसी दूसरें स्काउट गाइड जो वर्दी पहने हो अथवा सादी पोशाक पहने किसी दूसरे व्यक्ति से अपने स्वयं के स्काउट | गाइड होने का परिचय देने के लिये किया जाता है | यह चिन्ह स्काउट | प्रतिज्ञा लेते व दोहराते समय भी बनाया जाता | इस समय सावधान की स्थिति मे खड़े होते है |
स्काउट- गाइड प्रतीक (एम्बलम)
भारत स्काउट एवं गाइड्स का प्रतीक त्रिदल कमल (फ़लूर डीलिस) है | जिसमे गाइड चिन्ह त्रिदल (ट्री- फ़ाइल) प्रत्यारोपित है तथा त्रिदल के केन्द्र मे अशोक चक्र है | प्रतीक की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात 3 : 2 होगा | त्रिदल कमल (फ़लूर डिलिस) स्काउट विभाग का प्रतिरूप है | त्रिदल (ट्रिफाइल) गाइड विभाग का प्रतिरूप है | अशोक चक्र भारत का प्रतिरूप है | बैज मे नीचे की ओर आड़ी पड़ी रेखा विश्व बन्धुत्व का प्रतिरूप है |
स्काउट / गाइड सैल्यूट
स्काउट / गाइड चिन्ह बनाते हुये दाहिने हाथ को जब मस्तक तक ले जाते है तों तर्जनी दांयी भौह से छुई जाती है | इस स्थिति मे स्काउट / गाइड सैल्यूट बन जाता है | सैल्यूट करते समय दाहिने हाथ को दायी ओर पूरा खोलते हुये शीघ्रता से कोहनी से मोड़ते हुये भौह तक लाते है तथा सैल्यूट के बाद उसी शीघ्रता से हाथ को सामने की ओर से नीचे लाते है | किसी के प्रति अपना आदर व सम्मान प्रकट करने, राष्ट्रीय ध्वज, स्काउट गाइड ध्वज फहराते समय तथा अधिकारी के आदेश दिए जाने पर सैल्यूट किया जाता है | आदेश दिए जाने पर तब तक सैल्यूट बनाये रखेगे जब तक जैसे थे का आदेश न हो जाये | मानव शव के प्रति सम्मान प्रकट करने हेतु सैल्यूट करते है | झण्डा उतारे समय सैल्यूट न कर सावधान की स्थिति मे खड़े होते है
बायाँ हाथ मिलाना
एक घटना के कारण बायाँ हाथ मिलाने का विचार बेडेन पावले के मन मे आया | दक्षिण अफ्रीका मे अशांति कबीले के सरदार राजा प्रम्पेह् ने युद्ध मे परास्त होकर बेडेन पावले से हाथ मिलाने के लिये बायाँ हाथ आगे बढ़ाया | बेडेन पावेल दावारा इसका कारण जानने पर सरदार ने बताया कि उनके यहां सबसे बहादुर व्यक्ति आत्मरक्षा के लिये अपने बायें हाथ मे ली ढाल को नीचे रख देते है और फिर वही खाली हाथ बढाते है जिसका मतलब होता है कि हाथ मिलाने वाले के प्रति एक मित्र के रूप मे पूरा विश्वास करते है | अत: आत्मरक्षा हेतु उसे ढाल की आवश्यकता नही है | बेडेन पावेल इस भावना से बड़े प्रभावित हुये और उन्होंने स्काउटिंग मे मित्रता के लिये बायाँ हाथ मिलाने की प्रथा डाली।
स्काउट गाइड वर्दी
स्काउट
वर्दी
1
– शर्ट
स्टील ग्रे कलर की हाफ या फुल शर्ट जिस पर दो
ढक्कनदार जेब तथा जेबों पर लगभग
एक इंच चौड़ी पट्टी होती है | कन्धों पर उसी कपड़े
के शोल्डर स्ट्रिप्स होते है | आस्तीन आधी होनी चाहिए | पूरी आस्तीन होने पर सर्दी के अलावा उसे कुहनी तक मोड
देना चाहिए। शर्ट
को पैण्ट के अन्दर खोसना चाहिए |
2
– पैण्ट
नेबी ब्लू हाफ या फुल पैण्ट |
3
– सिर का पहनावा
गहरे
नीले रंग की बैरेट कैप जिसमे कैप बैज (राष्ट्रीय संस्था द्वारा स्वीकृत) लगा हो |
सिख
नीले रंग की पगड़ी जिसके मध्य भाग में सामने कैप बैज लगा हो, पहन सकते है समारोह के
अवसर पर कैप / पगड़ी पहनना अनिवार्य है |
4
– बेल्ट
ग्रे रंग की नाइलान की बेल्ट जिसमें भारत
स्काउट गाइड राष्ट्रीय संस्था द्वारा उपलब्ध कराया
गया बक्कल लगा हो
5
– स्कार्फ
ग्रुप के रंग का तिकोना स्कार्फ (हरा,
बैगनी, और पीला रंग छोड़कर) जिसके दोनों किनारे 70 से 80 सेमी लम्बे हो, गले, कालर
और शोल्डर स्ट्रिप्स के ऊपर ग्रुप के साथ पहना जायेगा |
6
– बैज :-
6 सेमी से 8 सेमी लम्बी तथा 1.5 सेमी चौड़ी सफेद
पट्टी पर लाल रंग से ग्रुप, जिले अथवा प्रदेश (जेसी आवश्यकता हो ) का नाम लिखा हो
को, दोनों कन्धो पर सिलाई के ठीक नीचे लगाया जायेगा |
7
– शोल्डर स्ट्रिप्स :-
अपने पेट्रोल के नाम (पशु- पक्षियो) पर वी०
पी० द्वारा स्काउटिंग फार ब्वायज मे निर्धारित रंग वाली दो पट्टियाँ जो प्रत्येक 5
सेमी लम्बी 1.5 सेमी चौड़ी हो, दूसरे से 2 सेमी के अंतर पर (ऊपर- नीचे) स्लेटी रंग
के 6 सेमी. के वर्गाकार कपड़े पर टांकी जायेगी और इस पैच को बाये कन्धे पर
आस्तीन की सिलाई के ठीक नीचे की ओर लगाया
जायेगा | यदि एम्बुलेंस मैन बैज लगाते है तों यह बैज के नीचे लगेगा |
सदस्यता
बैज :-
एक कपडे का बैज हरे रंग की बैक ग्राउंड पर
पीले रंग का त्रिदल कमल जिसके मध्य मे त्रिफाइल तथा उसके बीच अशोक चक्र बना होता
है, बायीं जेब के मध्य की पट्टी के बीच मे लगाया जायेगा |
मोज़े
या स्टाकिंग्स
काले मोज़े या स्टाकिंग्स पहने जायेगे |स्टाकिंग घुटने के नीचे मुड़े होने चाहिए | स्टाकिंग्स केवल हाफ पैण्ट के साथ ही
पहने जायेगे, जो हरे रंग के गार्डर टैब से बंधे होगे | गार्डर टैब का हर फुँदना
1.5 सेमी बाहर निकला होगा |
विश्व
स्काउट बैज :-
विश्व स्काउट बैज कमीज की दायीं जेब के बीच
मे पट्टी के मध्य लगाया जायेगा |
जूते
:-
काले जूते (चमड़े या कैनवास) फीतेदार पहने
जायेगे |
ओवर
कोट, ब्लेजर या जैकेट :-
नेवी ब्लू ओवर कोट या नेवी ब्लू ब्लेजर या
नेवी ब्लू विनचिटर केवल जाड़े के मौसम मे पहने जा सकते है
धातु
का बैज :-
सामान्य पोशाक पर भारत स्काउट गाइड का चिन्ह
युक्त धातु का बैज लगाया जा सकता है |
लेन
यार्ड :- ग्रे रंग की लेन यार्ड जिसमे सीटी लगी हो, गले मे पहनी जायेगी तथा सीटी
कमीज के बायी जेब मे रखी जायेगी | वर्दी के साथ 3 मी लम्बी गांठ बन्धन की डोरी
धारण की जायेगी |
गाइड
वर्दी :-
1.फ्राक (ओवर ऑल) गहरे आसमानी नीले सादे
अपारदर्शी कपडे की जिस पर दो पैच पॉकेट सामने ऊपर तथा दो साइड पॉकेट लगी हो, कुहनी
से 8 सेमी. ऊपर तक आधी बाहे,4 सेमी चौड़ा ऊपर की ओर मुड़ा हुआ और नीचे की ओर सिला
हुआ कफ, खुला स्पोर्टस कालर, दोनो कन्धो पर शोल्डर स्ट्रेप (फुंदने) लगे हो , ओवर
ऑल ढीला-सिला होना चाहिये |
2.
अथवा
सलवार कमीज और दुपट्टा – गहरी आसमानी नीले रंग की सलवार, हल्के
नीले सादे अपारदर्शी कपडे की कमीज जिसकी
लम्बाई घुटने तक होगी | कमीज मे दो ढक्कनदार जेब तथा बगल मे दो जेब लगी हो कुहनी
से 8 सेमी ऊपर तक आधी बांहे, 4 सेमी चौड़ा ऊपर की ओर मुड़ा हुआ नीचे की
ओर सिला हुआ काफ हूला स्पोर्ट्स कालर, दोनों कन्धों पर शोल्डर लगे हो कमीज कसी
सिली नही होनी चाहिये | दुपट्टा गहरा आसमानी नीला अपारदर्शी कपडे का होना चाहिए
अथवा मिडी स्कर्ट और ब्लाउज जैसा मिर्धारित है पहना जा सकता है
बेल्ट:- ब्राउन लेदर बेल्ट, जिसमे
राष्ट्रीय संस्था दवारा अधिक्रत भारत स्काउट गाइड का एम्बलम बक्कल लगा हो |
स्कार्फ :- ग्रुप के रंग का तिकोना
स्कार्फ (हरा, बैगनी और पीला रंग छोड़कर ) जिसके
दोनो किनारे70 से 80 सेमी लम्बे हो,
गले कालर और शोल्डर स्ट्रिप्स के ऊपर ग्रुप बागेल साथ पहना जायेगा
मोज़े:- सफ़ेद रंग
जूते
:- काले रंग के बंद चमड़े के बंद जूते |
बालो के फीते :- काला सादा फीता या काला
सादा हेयर बैंड |
सदस्यता बैज :- एक कपडे का बैज हरे रंग
की बैक ग्राउंड पर पीले रंग का त्रिदल कमल जिसके मध्य मे त्रिफाइल तथा उसके भीच मे
अशोक चक्र बनाया होता है बांयी आस्तीन के बीच मे लगाया जायेगा
शोल्डर बैज :- 6 सेमी से 8 सेमी लम्बी
तथा 1.5 सेमी चौडी सफ़ेद पट्टी पर लाल रंग से ग्रुप जिले अध्वा प्रदेश ( जैसी
आवश्यकता हो ) का नाम लिखा हो दोनों कन्धों पर सिलाई के ठीक नीचे लगाया जायेगा
पेट्रोल एम्बलम :- 4 सेमी व्यास के काले
धरातल पर हरे रंग की कढाई किया हुआ पेट्रोल एम्बलम होगा जो बायी जेब के ऊपर लगेगा
पहना जायेग
कार्डिगन :- बिना डिजाइन का काले रंग का
सैश :- गहरे आसमानी नीले रंग का सैश
जिसकी चौड़ाई 12 सेमी होगी बाये कन्धे पर सीने के ऊपर से जाता हुआ दाये नितम्ब
(हिप) के ठीक नीचे तक | जिस पर नीचे से ऊपर क्रम से प्राप्त किये गये दक्षता पदक
बैज लगे हो, पहना जायेगा |
विश्व स्काउट गाइड बैज :- सामान्य पोशाक
पर भारत स्काउट गाइड का चिन्ह युक्त धातु का बैज लगाया जा सकता है
लेन्यार्ड :- सफेद रंग की सीटी लगी हुई
लेन्यार्ड गले मे पहनी जा सकती है
आभूषण :- धर्म और रीती- रिवाजो से
सम्बन्धित आभूषणों को छोड़कर कोई भी आभूषण नही पहना जायेगा |
संस्था ध्वज : स्काउट गाइड संस्था का
ध्ब्ज गहरे नीले रंग का होता है जिसके मध्य मे पीला रंग के प्रतीक (एम्बलम) में
नीले रंग का अशोक चक्र होता है | ध्वज की लम्बाई 180 सेमी० तथा चौड़ाई 120 सेमी०और
प्रतीक की लम्बाई 45 सेमी० तथा चौड़ाई 30 से०मी० होती है | ध्वज 3:2 के अनुपात में
होता है |
ग्रुप ध्वज : ग्रुप ध्वज ठीक ऊपर की तरह
तथा आकर में 120 सेमी० लम्बा तथा 80 सेमी० चौड़ा होता है |ग्रुप का नाम प्रतीक के
नीचे सीधी रेखा में तथा राज्य का नाम
ग्रुप के नाम के नीचे पीले रंग से लिखा होना चाहिए | ध्वज 3:2 के अनुपात में होता
है |
विश्व स्काउट ध्वज
विश्व स्काउट ध्वज जमुनी रंग की
पृष्ठभूमि का बना होता है जिसमे सफ़ेद रंग का विश्व स्काउट बैज बना होता है , जिसके
गिर्द सफ़ेद डोरी का गोल घेरा बना होता है और सिरे नीचे की ओर रीफ नोट से बंधे होते
है | ध्वज के आकर का अनुपात 3:2 होगा |
पीले रंग की पृष्ठभूमि मे ध्वज के सबसे
ऊपर कोने पर सुनहरे रंग का विश्व गाइड चिन्ह बना होता है तथा फ्लाई के अंतिम सिरे
पर सुनहरे रंग के सामान्य रूप से जुड़े हुए तीन वर्ग जिसके नीचे की ओर सफ़ेद रंग मे
उलटे एल की शक्ल मे एक आकृति बनी होती है | ध्वज का नीला रंग विश्व की गाइडो मे
बहनचारा का प्रतीक है तथा तीन पंक्तियों प्रतिज्ञा के तीन भाग की याद दिलाता है |
बैज की दो पंक्तियों मे दो सितारे गाइड नियम तथा प्रतिज्ञा के प्रतीक है बीच की
पंखुडी मे अंकित कम्पास की सुई गाइड को सही दिशा की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा
देती है | त्रिदल के नीचे अग्नि की एक लपट है जो मानव जाति के प्रति प्रेम भावना
का प्रतीक है | त्रिदल के बाहर का घेरा हमारे विश्वव्यापी संगठन को प्रदर्शित करता
है | फ्लाई के नीचे डायगनली वर्ग प्रतिज्ञा के तीन भागो को दर्शाते है | वर्ग के
नीचे अंग्रेजी के एल जो सफेद रंग का है विश्व शांति का प्रतीक है नीली पृष्ठभूमि पर
सुनहरे रंग विश्व भर की गाईडो पर सूर्य के चमकने का प्रतीक है | गाइड ध्वज का
वर्तमान स्वरूप मई 1991 मे आपनाया गया |
राष्ट्रध्वज
राष्ट्र- ध्वज किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र के
गौरव का प्रतीक है प्रत्येक राष्ट्र का अपना एक
ध्वज निर्धारित होता है जिसकी आन मान-
मर्यादा पर मर मिटने के लिये उसके नागरिक सदैव तत्पर रहते है ध्वज का अपमान
राष्ट्र के अपमान का घोतक है हमारे राष्ट्र का वर्तमान (तिरंगा) ध्वज अपने मे एक इतिहास संजोये है |
1. सन 1947 मे 22 जुलाई
से आगे केसरिया, सफेद व हरे रंग का ध्वज ही स्वीकार कर लिया गया | किन्तु चर्खे के
स्थान पर सारनाथ के अशोक चक्र को ले लिया गया | केसरिया रंग- साहस और बलिदान,
सफेद- सत्य व शान्ति हरा रंग सम्रद्धि व खुशहाली का तथा चक्र धर्म और प्रगति का प्रतीक
है | 120 से.मी. x 90 से.मी. या 45 से.मी. x 30 से.मी. (6 फी. x 4 फी, 41/4
x
4 फी. x 3 फी.) या 11/2 फिट x 1 फिट रखा गया
| झंडे की तीनो पट्टीयाँ समान लम्बाई- चौड़ाई की रखी गई |
3
ध्वज पोल की ऊँचाई 20 से 22 फिट ऊँची होनी चाहिए |
ध्वज
फहराने के नियम
1. केसरिया रंग ऊपर, हरा
नीचे हो | झंडा लपेटकर फहराना चाहिए |
2. ध्वज को सूर्योदय से
सूर्यास्त तक फहराना चाहिए |
3. ध्वज को राष्ट्रीय
पर्वो व उत्सवो मे फहराना चाहिए |
4. हाईकोर्ट
(न्यायालयों) सचिवालयो, कमिश्नरी,कलक्टरी, जेल,
5. केन्द्रीय व
प्रान्तीय मंत्रियो के आवास, राष्ट्रपति भवन संसद,
6. राजदूतो व राज
प्रमुखों के निवास, सीमाओं, सैनिक केन्द्रों सुरक्षा बलों द्वारा विभिन्न
केन्द्रों पर प्रतिदिन फहराया जाता है |
नोट –
अब प्रत्येक नागरिक सम्मानजनक ढंग से राष्ट्र ध्वज फहरा सकता है
7.
राष्ट्रीय- ध्वज सब झंडो से पहले फहराया जायेगा और सबके अंत मे उतारा
जायेगा |
8.
दो या उससे- अधिक राष्ट्रों के झंडे समान ऊँचाई पर फहराये जाते है |
9.
वक्ता के मंच पर ध्वज मंच के दाहिने तथा उससे ऊँचा हो |
10.
ध्वज फट जाने पर उसे सम्मानपूर्वक एकांत मे जलाकर या अन्य प्रकार से नष्ट कर देना चाहिए |
11.अपनी
कार पर मंत्री, स्पीकर, कमिश्नर, विदेशो मे हिन्द प्रतिनिधि और राजप्रमुख ध्वज फहरा सकते है |शोक प्रकट करने
के लिये राष्ट्र ध्वज को पहले पूरा फहरा कर तब झंडे की चौड़ाई के बराबर नीचे
लाकर फहराना चाहिए ,उतारते समय ऊपर तक ले जा कर धीरे धीरे उतारना चाहिए |
12.राष्ट्रीय स्तर के नेता की म्रत्यु
हो जाने पर उनके सम्मान में उनकी शव शैया को राष्ट्रीय ध्वज से ढक सकते हैं किन्तु
अग्नि प्रज्ज्वलन से पूर्व सम्मानपूर्वक हटा देना चाहिए |
निषेध
1.राष्ट्रध्वज को
किसी के आगे झुकाना नही चाहिए |
2.राष्ट्रीय झंडे के
दाहिने कोई झंडा नही फहराया जाना चाहिए |
3.राष्ट्रीय झंडे के
दाहिने किसी व्यक्ति को खड़ा नही होना चाहिए |
4.राष्ट्रीय झंडे को
जमीन से नही छूने देना चाहिए |
5.राष्ट्रीय झंडे मे
चक्र के अतिरिक्त अन्य चिन्ह नही बनाने चाहिए
6.राष्ट्रीय झंडे को
किसी चीज के बांधने या बिछाने के काम मे नही लाना चाहिए |
7.राष्ट्रीय झंडे को
भूमि के समानान्तर नही झुकाना चाहिए |
8.राष्ट्रीय झंडे के
रंग की पोशाक या अन्य चीजे नही बनानी चाहिए |
9.राष्ट्रीय झंडे का
किसी विज्ञापन मे प्रयोग नही किया जाना चाहिए |
राष्ट्र-गान
राष्ट्र-गान
किसी राष्ट्र की चेतना का प्रतीक होता है | जन-जन के प्राणों मे नव चेतना जगाने की
क्षमता रखने वाला गीत ही राष्ट्र-गान हो सकता है | राष्ट्र-गान को भी राष्ट्र-ध्वज
की
भांति ही सम्मान दिया जाता है |
हमारे
देश मे दो राष्ट्र-गीत स्वीकृत है- प्रथम वन्देमातरम् जिसके रचियता बंकिम चन्द्र
चटर्जी है | 1816 मे कांग्रेस सभा मे इसे गाया गया था | इसे संगीत की धुन रवीन्द्र
नाथ टैगोर
ने दी | स्वतंत्रता संग्राम का यह प्रसिध्द गीत था |1937 मे कांग्रेस ने
राष्ट्रीय-गान के
लिये एक समिति बनाई जिसमे रवीन्द्र नाथ टैगोर ने वन्देमातरम् को ही राष्ट्रीय गान
स्वीकार किया | जनगणमन जिसके रचयिता रवीन्द्र नाथ टैगोर थे, 1911 मे
प्रथमवार कांग्रेस
अधिवेशन मे गाया गया | अब वन्देमातरम के साथ-साथ जनगणमन को भी कांग्रेस अधिवेशनो
मे गया जाने लगा |24 जनवरी 1950 को संविधान-सभा ने जनगणमन को राष्ट्रगान
स्वीकार किया | राष्ट्र-गान
को सावधान अवस्था मे खड़े होकर 48 से 52 सेकंड मे गाया जाना चाहिए |
जनगणमन
अधिनायक जय हे
भारत-भाग्य-
विधाता |
पंजाब-सिन्धु-गुजरात-मराठा-द्रविड़-उत्कल-बंग
|
विन्ध्य,
हिमाचल, यमुना, गंगा उच्छल जलधि तरंगा |
तव
शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे |
गाहे
तव जय गाथा |
जन
गण मंगल दायक जय हे भारत भग्य विधाता |
जय
हे जय हे जय हे जय जय जय जय हे |
बंदेमातरम
सुजलां
सुफलां मलयज शीतलांम
शस्य
श्यामलां मातरम | बन्दे मातरम
शुभ्र
ज्योंत्स्ना पुलकित यामिनीम
फुल्ल
कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम
सुहासिनीम
सुमधुर भाषिणीम
सुखदाम
वरदां मातरम वन्दे मातरम |
स्काउट
गाइड प्रार्थना
किसी
भी कार्यक्रम के प्रारभ मे निम्नलिखित स्काउट प्रार्थना सावधान मे खड़े होकर की
जाती है :-
दया
कर दान भक्ति का, हमे परमात्मा देना |
दया
करना हमारी आत्मा मे शुद्धता देना ।।
हमारे
ध्यान मे आओ, प्रभु आंखो मे बस जाओ |
अंधेरे
दिल मे आकर के परम ज्योति जगा देना ।।
बहा
दो प्रेम की गंगा, दिलो मे प्रेम का सागर |
हमे
आपस मे मिलजुल कर प्रभु रहना सिखा देना ।।
हमारा
कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा |
सदा
ईमान हो सेवा व सेवक चर बना देना ।।
वतन
के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना |
वतन
पर जां फ़िदा करना, प्रभु हमको सिखा देना ।।
दया
कर दान भक्ति का हमे परमात्मा देना |
दया
करना हमारी आत्मा मे शुद्धता देना ।।
स्काउट
गाइड प्रार्थना के रचयिता श्री वीरदेव वीर , है प्रार्थना 90 से 95 सेकेंड
मे गायी जाती
है|
स्काउट
गाइड झंडा गीत
भारत
स्काउट गाइड, झंडा ऊँचा सदा रहेगा |
ऊँचा
सदा रहेगा, झंडा ऊँचा सदा रहेगा |
नीला
रंग गगन सा विस्तृत भ्रात भाव फैलाता |
त्रिदल
कमल नित तीन प्रतिज्ञाओ की याद दिलाता |
और
चक्र कहता है प्रतिपल, आगे कदम बढ़ेगा |
ऊँचा
सदा रहेगा, झंडा ऊँचा सदा रहेगा |
भारत
स्काउट गाइड झंडा ऊँचा सदा रहेगा |
ये
चौबीसो अरे चक्र के हम से प्रतिपल कहते |
सावधान
चौबीसों घंटे हम मे है बल भरते | |
तत्पर
सदा रहे सेवा मे जीवन सफल बनेगा | ऊँचा०
हर
हित रक्षा मे हम जीवन हँस- हँस दे दे अपना |
इस
झंडे पर मर मिटने का है सुखदायी सपना | |
सेवा
का पथ दर्शक झंडा घर- घर मे फहरेगा ऊँचा०
भारत
स्काउट गाइड झंडा ऊँचा सदा रहेगा | |
My name is amaresh Tyagi (308511) sir kaise hogs registration plz sir
जवाब देंहटाएंScout mein petrol ke flag ka lambai and chaudai kitna hai
जवाब देंहटाएं30×30×20
हटाएंYe triangular shape me hota hai
20×30×30
हटाएंNo sufficient matter about guide and scout
जवाब देंहटाएंPlz chek.. https://www.digitalscouts.in
हटाएंMy self dr Anil banate
जवाब देंहटाएंYour content is not sufficient about scout guide
Sir world guide flag pr bani sidiya or safed rang kya darshata h
जवाब देंहटाएंSafed rang vishav Santi ka pratik h
जवाब देंहटाएंHam karvange
जवाब देंहटाएंApka
9456986633 Mathura
WOSM ME PANJIKRIT KITNE DESH SCOUTING CHALTI HAI?
जवाब देंहटाएं152
हटाएंजो भरा नही हो भावों से, बहती जिसमें रसधार नही;हृदय नही वो पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नही।।
जवाब देंहटाएंHa
जवाब देंहटाएं